Saturday, September 16, 2023
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Murrah nasal buffalo: ये नस्ल की भैस देती है रिकार्ड तोड़ दूध, महीने भर में हो जाओगे मालामाल, देखे बम्फर दूध देने वाली भैस

Murrah nasal buffalo: ये नस्ल की भैस देती है रिकार्ड तोड़ दूध, महीने भर में हो जाओगे मालामाल, देखे बम्फर दूध देने वाली भैस जैसा की आप सभी जानते ही होंगे की भारत में भैस पालन कर दूध से काफी मुनफा कमाया जाता है तो आज हम आपको ऐसी भैस के बारे में बताने जा रहे है जो की काफी कम समय में अच्छा मुनफा कमा कर दे सकती है और हमको भारत में बहुत सारे ऐसे नस्लें देखने को मिलता है जिसकी दूध देने की क्षमता देसी नस्ल की भैंस से काफी ज्यादा होती है। और ऐसे nasl की भैंस जो किसान लंबे समय से पालते आ रहे हैं उसका हर एरिया में स्टेट लेवल और इंडिया लेवल का पशु मेला आयोजित होता है। जिसमें सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस को चैंपियन बनाया जाता है और अगर कोई भैंस बड़े मेला में चैंपियन बन जाती है तो कई बार उसकी कीमत 50 लाख 60 लाख तक जाती है ।और कई बार तो मेले में चैंपियन बनने के बाद भैंस को कई लोग तुरंत खरीद लेते हैं लेकिन मेले में चैंपियन बनाने के लिए किसानों को अपनी bhains को तैयार करने के लिए सालों साल मेहनत भी करनी पड़ती है तभी कोई भैंस चैंपियन बनता है।

Murrah nasal buffalo: ये नस्ल की भैस देती है रिकार्ड तोड़ दूध, महीने भर में हो जाओगे मालामाल, देखे बम्फर दूध देने वाली भैस

ये नस्ल की भैस देती है रिकार्ड तोड़ दूध, देखे बम्फर दूध देने वाली भैस मुर्रा नस्ल की भैंस (Murrah nasal buffalo)

मुर्रा नस्ल की भैंस भारत की सबसे प्रचलित और लोकप्रिय नस्ल है जो सामान्यत: हरियाणा और दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में देखने को मिलता है।यह अन्य देसी bhains के मुकाबले अधिक dudh देती है और यह लगभग एक बार बच्चा देने के बाद 300 दिन तक लगातार दूध देती है ।और मुर्रा भैंस की पहचान की सबसे अच्छी विधि इसकी मुड़ी हुई लंबी सिंग होती है जो सबसे ज्यादा गहरे काले रंग की होती है जिसे हम आसानी से पहचान सकते हैं।

नीली रावी भैस

भारत का पंजाब राज्य पहले से ही किसानों का राज्य रहा है और यहां एक से बढ़कर एक पशुपालक भी है जो पशुपालन से करोड़ों का व्यापार करते हैं। इसी में से यहां की सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्ल है नीली रावी है जो पंजाब की सबसे लोकप्रिय और प्रचलित नस्ल में से एक है । जो एक बार बच्चा देने के बाद लगातार 300 दिन तक दूध देती रहती है जिसको वहां के किसान काफी ज्यादादा पसंद करते हैं क्योंकि यह दूसरे नस्लों के अपेक्षा काफी ज्यादा दूध देती है। नील रावी की पहचान उसके सिर बड़े होते हैं और इसके सिंग थोड़े मुड़े हुए भी होते हैं, नीली रावी भैस के माथे पर सफेद दाग, उसी के साथ यह गहरे काले रंग का नस्ल है। जिसको हम आसानी से पहचान सकते हैं और इसका सबसे अच्छा पहचानने का तरीका इसके माथे पर सफेद दाग है जिसको देखकर हम नील रावी भैंस को पहचान सकते हैं।

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देखे बम्फर दूध देने वाली जफराबादी नस्ल की भैंस

जाफराबादी नस्ल की भैंस सबसे ज्यादा भारत के गुजरात राज्य में देखने को मिलता है और यह भी भारत की प्रचलित नस्ल में से एक है जो सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैस में से एक है। जो एक बार बच्चा देने के बाद लगातार 290 दिन तक दूध देती रहती है और जाफराबादी भैंस की पहचान का सबसे अच्छा तरीका इसकी लंबी गर्दन है उसी के साथ इसका सिर बड़ा और भारी होता है और इसकी लंबाई सामान्य भैंस की अपेक्षा थोड़ी छोटी होती है मतलब मध्यम कद वाली यह नस्ल है। जाफराबादी भैंस प्रति दिन (milk per day) 30 लीटर तक दूध दे सकती है।इसके अलावा भारत में और भी बहुत सारी भैंस की नस्ल है जो काफी ज्यादा दूध देती है लेकिन हमने यहाँ जो चर्चा किए हैं यह भारत की सबसे लोकप्रिय और प्रचलित नस्लों में से एक है। जिसको लगभग हर किसान जानता है और बड़े-बड़े पशु मेले में इन्हीं नस्लों को सबसे ज्यादा देखा जाता है और चैंपियन भी इन्हीं नस्लों में से सबसे ज्यादा बनता है।  

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मुर्रा नस्ल के सीमेन एक्सपोर्ट की ली जानकारी

दलाल ने बताया कि बैठक में ब्राजील के डेयरी किसानों द्वारा पशुपालन (Animal Husbandry) क्षेत्र में की जा रही विभिन्न प्रैक्टिस व नवीनतम तकनीक की जानकारी हासिल की गई. इस प्रैक्टिस व नवीनतम जानकारियों को किस प्रकार से हरियाणा के पशुपालकों तक पहुंचाया जाए उसके बारे में जानकारी को सांझा किया गया. प्रतिनिधिमंडल ने उबेरबा में अल्टा जेनेटिक्स के परिसर का भी दौरा किया, जहां मुर्रा जर्मप्लाज्म के निर्यात के तौर-तरीकों का पता लगाया गया. अल्टा जेनेटिक्स की इच्छा है कि हरियाणा राज्य उन्हें हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के माध्यम से गुणवत्ता वाले मुर्रा जर्मप्लाज्म (Germplasm) की आपूर्ति करे. क्योंकि वर्तमान में वे इसे इटली से खरीद रहे हैं.

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