IPS Anshika Success Story: ये IPS अफसर है बला सी खूबसूरत, अंशिका वर्मा का सुन्दर रूप देख दीवाने हो जाते है लोग बात की जाये IPS का मुकाम हासिल करने की तो ये कोई मामूली बात नहीं है हलाकि पहले प्रयाश में ये अफसर भी मुकाम हासिल नहीं कर पायी थी पुनः प्रयास करने के बाद में मुकाम हासिल कर नाम रोशन किया है
यूपी के प्रयागराज की रहने वाली अंशिका वर्मा (Anshika Verma) अपने दूसरे प्रयास में बिना कोचिंग के आईपीएस अधिकारी (IPS Officer) बन गई. आइए आपको बताते हैं अंशिका की सफलता की कहानी.
उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज की रहने वाली अंशिका वर्मा को सच साबित कर दिखाया. इन्होंने अपने दूसरे प्रयास में अपनी लगन और मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा पास की है. इनका चयन आईपीएस के पद पर हुआ है.

यह भी पढ़े : – Jaya Kishori : लाखों फैंस हैं जया किशोरी के, लेकिन खुद है इनकी दीवानी , इनके प्यार के राज की बात जानते ही हो जाओगे हैरान
प्रयागराज में की तैयारी
अंशिका वर्मा यूपी के प्रयागराज से ताल्लुक रखती हैं. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे ज्यादातर युवा दिल्ली जाकर कोचिंग करते हैं और तैयारी करते हैं, मगर अंशिका ने बिना दिल्ली जाए प्रयागराज में रहकर ही प्रिपेयरेशन की और बिना कोचिंग के परीक्षा पास की. उन्होंने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है.
आपको बता दें अंशिका एक इंजीनियर हैं. उन्होंने प्राथमिक शिक्षा नोएडा से पूरी की. इसके बाद उन्होंने साल 2014-18 में गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशंस में बीटेक की डिग्री हासिल की. अंशिका के पिता यूपी के बिजली विभाग से रिटायर हैं और मां हाउस वाइफ हैं.

यह भी पढ़े : – Bold Web Series: इस वेब सीरीज में 16 साल के लड़के ने आंटी की निकाल दी चीख़, हॉट सीन देख उतार फेकें कपडे
दूसरे प्रयास में पास की परीक्षा
अंशिका का मन सिविल सेवा में जाने का था इसलिए बीटेक करने के बाद वे प्रयागराज आ गई. यहीं उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और पहली बार साल 2019 में परीक्षा दी. हालांकि, तब उन्हें सफलता नहीं मिली. निराश होने के बजाए अंशिका ने मेहनत जारी रखी.

उन्होंने अपनी गलतियों को सुधारा और दूसरी बार परीक्षा साल 2020 में दी. इसमें उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा पास की और इंटरव्यू में भी अच्छे नंबर हासिल किए. अंशिका ने देशभर में 136 वां रैंक हासिल किया. उनका चयन आईपीएस के पद पर हुआ और उन्हें उत्तर प्रदेश काडर दिया गया.