Monday, September 18, 2023
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Desi jugaad : ये बाइक एम्बुलेंस के देसी जुगाड़ से अब गांव के कच्चे रास्तो में भी मरीज लाना होगा आसान, ये जुगाड़ देख दोगे 21 तोपों की सलामी

Desi jugaad : ये बाइक एम्बुलेंस के देसी जुगाड़ से अब गांव के कच्चे रास्तो में भी मरीज लाना होगा आसान, ये जुगाड़ देख दोगे 21 तोपों की सलामी कई ग्रामीण इलाके और छोटे शहर हैं जिनकी सड़कें बेहद संकरी हैं. इन सड़कों पर एम्बुलेंस का चलना बेहद मुश्किल होता है. इसीलिए, लोगों ने एक बाइक एम्बुलेंस निकाली है जिसे ना केवल संकरे सड़कों पर इस्तेमाल की जा सके और जहा एम्बुलेंस ना जा सके वह जल्द से जल्द कच्चे रास्तो में भी यह बाइक के जुगाड़ से अब गांव के कच्चे रास्तो में भी जाना होगा आसान।

Desi jugaad : ये बाइक एम्बुलेंस के देसी जुगाड़ से अब गांव के कच्चे रास्तो में भी मरीज लाना होगा आसान, ये जुगाड़ देख दोगे 21 तोपों की सलामी

आपने कई जुगाड़ देखे होंगे परन्तु ऐसे अनोखा जुगाड़ नहीं देखा होगा जो लोगो की जान बचाने में काम आ जाए आपने देखा होगा कई बार ऐसे गांव होते है जहा पर बड़ी एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती है क्युकी छोटे गावो में कच्चे रस्ते के कारन नहीं जा पाती ऐसे में घायल वयक्ति या तत्काल ले जाने के लिए कोई साधन ना होने के कारण कई समस्या का सामना करना पड़ता है ऐसे में जान जाने का भी खतरा होता है तो इससे छुटकारा पा सकते है इस शानदार देसी जुगाड़ एम्बुलेंस से

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झारखंड के गढ़वा में मरीजों को बेहतर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने के लिए उपलब्ध लाखों रुपये की मोटरसाईकल एम्बुलेंस का लाभ मरीजों को नही मिल रहा है। बल्कि इससे मोटरसाइकल को निकालकर चिकित्सक डॉक्टर रामाशीष चौधरी उसे निजी उपयोग में ला रहे हैं। इसके कारण प्रखण्ड के गरीब मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नही मिल रहा है।

ड्यूटी होने के बावजूद नहीं पहुंचते है अस्पताल

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बताया जाता है कि प्रभारी डॉक्टर की ड्यूटी मंगलवार एवं शुक्रवार को रमकंडा अस्पताल में है। लेकिन उसके बाद भी वह अस्पताल में नहीं पहुंचते है और महीने में किसी एक दिन आकर सप्ताह के दो दिनों का हाजरी बना लेते है। जानकारी के अनुसार प्रतिनुक्ति के पांच माह के बाद वह एक भी दिन शुक्रवार को अस्पताल नही पहुंचते हैं। लेकिन वह अपनी उपस्थिति पंजी में शुक्रवार का भी उपस्थिती दर्ज कर लिए है। वर्तमान में मौसम बदलने के कारण लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आकर बीमार पड़ रहे हैं। वह इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे है। लेकिन डाक्टर के नही पहुंचने के कारण उन्हें सिर्फ दवा देकर अस्पताल से भेज दिया जा रहा है। डॉक्टर को अस्पताल नही पहुंचने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी इंज्यूरी के लिए होता है। लोग को इसके लिए रंका जाना पड़ता है।

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