Buffelo BEST Breed: ये 4 नस्ल की भैंसे आपको बना देगी रातो रात लखपति, विदेशो तक पाली जाती है ये भैंसे किसानों के लिए भैंस पालन अधिक आमदनी का साधन बन रहा है। ऐसे में दुधारू नस्लों के भैंस की मांग भी बढ़ रही है। मौजूदा वक्त में भैंस पालन डेयरी व्यवसाय में मुनाफा कमाने का सरल माध्यम है. वहीं पशु पालन से जुड़े जानकरों एवं डॉक्टर के अनुसार किसान गाय पालन के साथ भैंस पालन करते हैं. तो वह बढ़िया कमाई कर सकते हैं. पटना पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सक डॉ दुष्यंत कुमार कहते हैं कि पशुपालन के क्षेत्र में भैंस पालन काला सोना है और इनमें से किसान अगर मुर्रा एवं नीली रावी नस्ल के भैंस का पालन करते हैं, तो बेहतरीन कमाई कर सकते हैं. मोटे तौर पर दूध के दाम की बात करें तो जहां गाय 20 लीटर दूध देगी और जो दाम मिलेगा. वही भैंस के 12 से 14 लीटर दूध में उतना दाम मिल जाएगा.

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1. मुर्रा नस्ल की भैस
ये बात सायद आप भी जानते ही होंगे की इस नस्ल को सबसे ज्यादा पंजाब में पाला जाता है लेकिन हाल के समय में ये दूसरे प्रांतों के साथ विदेशों में भी पाली जा रही है. जिनमें से इटली, बल्गेरिया, मिस्र में बड़े पैमाने पर पाली जाती है. वहीं हरियाणा में इसे काला सोना कहा जाता हैै. आगे पशु चिकित्सक बताते हैं कि दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे अच्छी नस्ल है. इसके दूध में 7% फैट पाया जाता है. मुर्रा भैंस भारत में सबसे अधिक पाली जाती है। यह भैंस दूध उत्पादन के मामले में भारत में नंबर एक पर आती है। यह भैंस एक ब्यात में 2000 से 4000 लीटर तक दूध देती है। इससे अधिक उत्पादन के लिए इसकी अच्छी खुराक बेहद जरुरी होता है।

2.नीली रावी नस्ल की भैस
विसशेसज्ञो के अनुसार इस नस्ल की भैस भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी पाई जाती है नीली रावी नस्ल भैंस का पालन मुर्रा भैंस के बाद सबसे अधिक किया जाती है. नीली रावी पंजाब की घरेलू नस्ल की भैंस है. यह मुख्य रूप से पाकिस्तान और भारत में अधिक पाई जाती है. इसके अलावा बांग्लादेश, चीन, फिलीपींस, श्रीलंका, ब्राज़ील,वेनेजुएला देश के किसान भी इसका पालन करते हैं. इसका उपयोग मुख्य रूप से डेयरी उद्योग के लिए किया जाता है. वहीं एक साल में ये करीब लगभग 2000 किग्रा दूध दे सकती हैं. इसका रिकॉर्ड दूध उत्पादन 378 दिनों में 6535 किलोग्राम आमतौर पर इन भैंसों के माथे पर उजले रंग की आकृति बनी होती है. फोटो में इस नस्ल को दिखाया गया है
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3.जाफराबादी नस्ल की भैंस
दुधारू भैंस में एक नाम जाफराबादी का है. यह ज्यादातर गुजरात के भावनगर जिले में पाई जाती है. हालांकि इसका मूल स्थान गुजरात का जाफराबाद है, इसलिए भैंस का नाम जाफराबादी है. प्रति दिन दूध का हिसाब 30 लीटर तक जा सकता है. इन भैसों की कीमत डेढ़ लाख रुपये के आसपास होती है. जाफराबादी भैंस का वजन काफी भारी होता है और मुंह छोटा होता है. सींग घुमावदार होते हैं डेयरी व्यवसाय के जफराबादी भैंस देशभर में अधिक पसंद की जाती है। इसका मूल स्थान गुजरात का जाफराबाद है। यह नस्ल एक ब्यात में 2000 से 3000 लीटर तक दूध देती है।
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4.महसाना नस्ल की भैंस
हमारे देश में पशुपालन सदियों से चला आ रहा है। जिसमें डेयरी व्यवसाय सबसे लोकप्रिय है। डेयरी में गाय और भैंस पालन करना पहला विकल्प माना जाता है। आजकल लोग डेयरी से जुड़े काम करके लाखों रुपए कमा रहे हैं अगर आप गांव या शहर कहीं भी रहते हैं

तो भैंस पालन करके भी अच्छे पैसे कमा सकते हैं। इसके लिए अच्छी नस्ल की भैंस का चयन करना सबसे जरूरी है। इनमें मेहसाणा भैंस एक अच्छी नस्ल है। मेहसाना भैंस गुजरात के मेहसाणा जिले पाई जाती है। यह भैंस दूध उत्पादन के लिए काफी लोकप्रिय है। इसके पालन गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान में खूब की जाती है। यह नस्ल एक ब्यात में 1200 से 2000 लीटर तक दूध देती है।