Women’s Day 8 March 2022 : कभी पेंटिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती थी अवनि चतुर्वेदी, ऐसे बनी लड़ाकू विमान पायलट

Women's Day 8 March 2022 : कभी पेंटिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती थी अवनि चतुर्वेदी, ऐसे बनी लड़ाकू विमान पायलट

Women’s Day 8 March 2022 : फाइटर प्लेन पायलट अविन चतुर्वेदी (Avani Chaturvedi) ने रीवा का ही नहीं बल्कि देशभर का मान बढ़ाया है। अवनि आज उन तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं जो करियर में कुछ बड़ा करने की चाह रखती हैं।

कहते है कि मन में कुछ कर गुजरने की चाह हो और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ा जाए तो मंजिल एक न एक दिन जरूर मिलती है। कुछ इसी भरोसे के साथ कभी पेटिंग का शौक रखने वाली रीवा की अविन चतुर्वेदी (Avani Chaturvedi) आगे बढ़ी और आज वह पहली महिला फाइटर पायलट बनकर रीवा ही नहीं बल्कि देशभर की उन तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है जो अपने करियर में कुछ बड़ा करने की इच्छा रखती है। 8 मार्च 2022 को अंतर्राट्रीय महिला दिवस के मौके पर चलिए जानते हैं रीवा की बेटी अवनि चतुर्वेदी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।

Women's Day 8 March 2022 : कभी पेंटिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती थी अवनि चतुर्वेदी, ऐसे बनी लड़ाकू विमान पायलट

अवनि चतुर्वेदी (Avani Chaturvedi) बचपन में बेहद शांत स्वभाव की थी। वह चित्रकारी का शौक रखती थी। अवनि को घर में बुलबुल नाम से पुकारा जाता है। अवनि के पिता दिनकर चतुर्वेदी सिंचाई विभाग में कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ है। जबकि मां हाउस वाइफ है। अवनि कभी शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती थी और पेंटिंग के जरिए अपनी अभिव्यक्ति जाहिर करना चाहती थी।

करियर को लेकर अवनि कहती है कि यदि अपने लक्ष्य के प्रति आप दृढ़ संकल्पित है तो मंजिल एक दिन जरूर मिलती हैं। अविन बताती है कि बीटेक की शिक्षा हासिल करने के बाद मुझे कम्पयूटर सॉफ्टवेयर कंपनी में काम की इच्छा हुई, मैंने आवेदन किया तो मेरा चयन हो गया। करीब एक वर्ष से ज्यादा समय तक बेंगलुरू में कार्य किया। मेरे अच्छे परफार्मेंस की वजह से कंपनी मुझे प्रमोशन देना चाह रही थी। लेकिन इसी दरम्यान मुझे सेना में जाने का अवसर मिला। तो मैंने फाइटर प्लेन उड़ाने लक्ष्य रखा।

भाई नीरभ्र से मिली प्रेरणा

अवनि ने एक इंटरव्यू में बताया था कि भाई नीरभ्र को देखकर उन्हें सेना में जाने की प्रेरणा मिली। क्योंकि उनके भाई का सेना में कैप्टन पद पर चयन हो गया था। लिहाजा जब वह घर आते तो उनकी वर्दी और सेना से मिले अनुशासन से वह काफी प्रभावित हुई। जिस उन्होंने भी यह तय किया कि अब वह भी सेना में जाएगी।

हर जन्म में मिले अवनि जैसी बेटी

महिला दिवस के पूर्व संध्या पर जब अवनि के पिता से बात की गई तो वह भावुक हो उठे, उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं और भगवान शुक्रगुजार हूं कि मुझे अवनि जैसी बेटी मिली है। हालांकि हमारे परिवार व रिश्तेदारों का बैकग्राउण्ड रक्षा का क्षेत्र रहा है। लेकिन अवनि को बेटी के रूप में पाकर मेरा जीवन सफल हो गया। मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि मुझे हर जन्म में अवनि जैसी बेटी मिले। जो न केवल अपने मां-बाप, क्षेत्र, प्रदेश व देश का नाम रोशन करें।

Women's Day 8 March 2022 : कभी पेंटिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती थी अवनि चतुर्वेदी, ऐसे बनी लड़ाकू विमान पायलट
अवनि चतुर्वेदी के माता-पिता।

कब बड़ी हुई बुलबुल पता ही नहीं चला

अवनि (Avani Chaturvedi) की मां ने कहा कि घर में चहल-पहल मचाने वाली अवनि कब बड़ी हो गई पता हीं नहीं चली। आंगन में चहकने वाली बुलबुल कब फाइटर प्लेन उड़ाने लगी विश्वास ही नहीं होता। अतीत के झरोखों में जब मैं देखती हूं तो कल ही जैसे आंगन में चहक रही हो। आज देश के दुश्मनों के साथ फाइटर प्लेन में सवार होकर मेरी बेटी दो-दो हाथ करने को तैयार है।

मिग-21 उड़ाकर रचा इतिहास

साल 2018 में 19 फरवरी को उस समय अवनि सुर्खियों में छा गई जब यह खबर आई कि उन्होंने गुजरात के जामनगर में मिग-21 लडाकू विमान आधा घंटे तक सफलतापूर्वक उड़ाया है। ऐसा करने वाली वह देश की पहली महिला पायलट बनी हैं। जब यह खबर सुर्खियों में आई तो रीवा ही नहीं बल्कि देशभर की युवतियों को यह संदेश मिला कि यदि इरादे मजबूत हैं तो हर मुश्किल काम भी आसान हो जाता है।

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