Punganur Cow Breed: विलुप्ति की कगार पर संसार की सबसे छोटे कद की गाय, अनोखी खूबियों से दुनिया भर में है मशहूर.भारत देश में गाय को माता कहा जाता है। देश में गाय की बहुत सारी देसी नस्लें उपलब्ध हैं,जिनकी सबकी अपनी विशेषताएं है। लेकिन अब धीरे धीरे भारत में देसी नस्ल की गायों की प्रजातियां विलुप हो रहे है और किसान अधीक दूध उत्पादन के लिए विदेशी नस्ल की गायों को पालने पर विशेष ध्यान दे रहे है। इन्हीं देसी गायो में से एक है हैं एक पुंगनूर गाय, जो अपने कद-काठी के लिए पूरी दुनियाभर में मशहूर है। पुंगनूर गाय दुनिया की सबसे छोटे गाय हैं, जो अब विलुप्ती की कगार पर हैं। इस नस्ल की गाय के दूध में वसा की मात्रा अधिक होती है और यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है। छोटा कद होने के कारण इस गाय को पालने में बेहद आसानी होती है।
आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में पाली जाती है पुंगनूर गाय

आपको बता दे की इस देसी नस्ल की पुंगनूर गाय की मूलरूप से आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले से हैं। इस नाटे कद वाली पुंगनूर मवेशी की नस्ल का नाम आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुंगनूर गाँव के नाम पर रखा गया है, जो दक्कन के पठार के दक्षिणी बिंदु पर है। भारत के हर क्षेत्र में ये गाय देखने नहीं मिलती। या गाय कुछ खास क्षेत्रों में ही देखने को मिलती है।
इन खूबियों से दुनियाभर में फेमस है पुंगनूर गाय

आपको बता दे की देश ही नहीं बल्कि पुरे दुनिया भर में पुंगनूर गाय अपने छोटे कद, उच्च दूध उत्पादन दक्षता और कुशल प्रजनन गुणों के लिए जानी जाती है। इस गाय का दूध 5 प्रतिशत वसा के साथ औषधीय गुणों से भरपूर होता हैं।इसका दूध अमृततुल्य माना जाता है। यह छोटी कद-काठी वाली गाय का औसत दुग्ध उत्पादन हर ब्यात में लगभग 546 किलोग्राम है, जिसमें 5% औसत दुग्ध वसा है। यह नस्ल दुनिया की सबसे छोटी कूबड़ वाली मवेशियों की नस्लों में से एक है। यह गाय अणि कद काठी की वजह से काफी फेमस है।
विलुप्ति की कगार पर संसार की सबसे छोटे कद की गाय, अनोखी खूबियों से दुनिया भर में है मशहूर
विलुप्ति की कगार पर पुंगनूर गाय

आपको बता दे की पुंगनूर नस्ल की ये गाये भारत में काफी काम स्थानों पर पाली जाती है। लेकिन अब इनकी आबादी पर लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है।मवेशी प्रजनन पथ में समय की अवधि में व्यापक अंधाधुंध क्रॉसब्रीडिंग के कारण विलुप्त होने के कगार पर है, जिनमें कुछ ही जानवर शेष बचे हैं। जिनको बचाने के लिए राज्य सरकार दवरा मुहीम चलाई जा रही है।
पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय पालमनेर में किया जा रह इन गया का संरक्षण
आपको बता दे की पुंगनूर नस्ल की इन गायो को एसवी पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय से जुड़े पशु अनुसंधान केंद्र, पलमनेर, चित्तूर जिले में पाला जा रहा है। श्री वेंकटेश्वर पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के तहत पशुधन अनुसंधान केंद्र, पालमनेर में इस नस्ल को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि जितनी नस्ल शेष है उन्हें बचाया जा सके और उनका पालन कर उनकी आबादी बढ़ाई जा सके और इस गाय का सेहतमंद दूध प्राप्त हो सके।