Missing Titan: Titanic दुनिया का सबसे बड़ा जहाज 110 साल बाद भी नहीं निकाला गया बाहर अभी हाल ही में अटलांटिक महासागर में 5 यात्रियों सहित गायब हुई टाइटन पनडुब्बी को लेकर कंपनी की तरफ से बताया गया है कि पनडुब्बी में सवार सभी 5 यात्रियों की मौत हो गई है. पनडुब्बी का मलबा टाइटेनिक जहाज के पास ही मिला है. दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पॉपुलर जहाज रहे टाइटेनिक को डूबे करीब 110 साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है. इसका मलबा 1985 में ढूंढ लिया गया था. ऐसे में मन में सवाल आता है कि जब जहाज का मलबा ढूंढ लिया गया था तो आज तक इसे बाहर क्यों नहीं निकाला गया?
कैसे डूबा था टाइटैनिक

अपने भी टाइटैनिक जहाज के बारे काफी पढ़ा और सुना होगा. टाइटैनिक ने अपनी पहली यात्रा ब्रिटेन के साउथैम्पटन बंदरगाह से न्यूयॉर्क के लिए 10 अप्रैल 1912 को शुरू की थी. इसके ठीक 4 दिन बाद यानी 14 अप्रैल को यह नॉर्थ अटलांटिक महासागर में एक हिमखंड से टकरा गया. इस जोरदार टक्कर में जहाज के दो टुकड़े हो गए और यह समुंद्र में करीब 4 किलोमीटर गहराई में समा गया.
यह भी पढ़े- दुनिया की ऐसी जगह जहां, जीवनसाथी के लिए तरस रही हसिनाए, नहीं मिल रहा अपने सपनो का राजकुमार

70 सालों तक टाइटैनिक का मलबा समुद्र में
आपको बता दे टाइटैनिक जहाज डूबने से लगभग 1500 लोगों की जान गई यह उस समय की सबसे बड़ी समुद्री दुर्घटना थी. लगभग 70 सालों तक टाइटैनिक का मलबा समुद्र में 4 Km नीचे पढ़ा रहा, जिसे पहली बार 1985 में रोबट बलाड और उनकी टीम ने खोज निकाला था.
यह भी पढ़े- दुनिया का ऐसा कमरा जहां 45 मिनट से ज्यादा नहीं ठहर पाता इंसान, आखिर क्यू जानिए

आखिर क्यू नहीं निकला बाहर
आमतौर पर समंदर की गहराई में मौजूद चीजों को जिस तरह से बाहर निकाला जाता है, टाइटैनिक को उस तरह बाहर निकाल पाना संभव नहीं है. जहां टाइटैनिक जहाज डूबा हुआ है, वहां चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा है. समुद्र की गहराई में तापमान भी 1 डिग्री सेल्सियस है. इन विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए किसी इंसान का इतनी गहराई में जाना और फिर वापस लौट कर आना बहुत जोखिम भरा होता है. ऐसे में यहां से मलबे को निकाल कर लाना तो बहुत दूर की बात है. समुद्र की गहराई में 4 km नीचे पड़े मलबे को विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए बाहर निकालना लगभग नामुमकिन है.

टाइटैनिक की उम्र अब ज्यादा नहीं बची है
जानकारों के मुताबिक, टाइटैनिक का मलबा समुद्र में अब तेजी से गल रहा है. ऐसे में उसे बाहर निकाल कर भी कोई फायदा नहीं होगा. बताया जाता है कि आने वाले 20 से 30 सालों में टाइटैनिक का मलबा पूरी तरह गल जाएगा और समुद्र के पानी में घुल जाएगा. समुद्र में पाए जाने वाले बैक्टीरिया टाइटैनिक के लोहे को तेजी से खा रहे हैं, जिस वजह से उस में जंग लग रहा है. BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये समुद्री बैक्टीरिया रोजाना लगभग 180 kg मलमा खा जाते हैं. ऐसे में टाइटैनिक की उम्र अब ज्यादा नहीं बची है, इसलिए इसके मलबे को बाहर निकालना समझदारी नहीं होगी