पान को बहुत ही पवित्र माना गया है। कहां गया है कि पान का दान करने से पापो से मुक्त हो जाता है। जबकि पान खाने से पाप होना बताया गया है। व्यक्ति को पान का दान अवश्य करना चाहिए। नजर दोष दूर करने के लिए पान का पत्ता बहुत ही उपयुक्त है। जिस व्यक्ति को नजर लगी हो उसे पान में गुलाब के साथ पंखुड़ियां रखकर खिला दे लाभ होगा।
भगवान शिव को पान का पत्ता अर्पण करने से होता है मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके लिए गुलकंद और सुमन कतरी डालकर पान लगाएं भगवान शिव को अर्पित करें। अगर दुकान में बिक्री ज्यादा नहीं हो रही है तो शनिवार के दिन 5 पीपल के पत्ते लाएं। उसमें पान के साबुन डंडी दार पत्ते रखकर किसी धागे में बांधे और दुकान के पूर्व की ओर बंद है। ऐसा पांच शनिवार तक करें लाभ होगा।
सुबह स्नान कर देवालय जाएं। पान के पत्ते में चावल, सिंदूर , कुमकुम और घी मिलाकर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। बीच में एक सुपारी रखें। और उन्हें गणेश भगवान का स्वरूप मानते हुए पूजा करें ऐसा करने पर मंगल की प्राप्ति होती है।
रुके हुए कामों को करने के लिए रविवार के दिन एक पान के पत्ते को घर लाएं। उससे सभी कार्य संपन्न होंगे। अगर विवाह के लिए आने वाले लोग बार-बार आकर वापस चले जाते हैं। विवाह नहीं हो रहा है। ऐसे में जब कोई विवाह के लिए आने वाला हो तो पान के जड़ को घिसकर उसका तिलक लगाएं। घर में सुख और समृद्धि की कामना से दशहरे के दिनएक बतासा और एक पान का पत्ता भगवान श्री रामचंद्र जी को चढ़ाएं।
पति से प्रेम पाने के लिए शुक्ल पक्ष के प्रारंभ के प्रथम दिन पान के पत्ते में केसर और चंदन डालकर दुर्गा के सामने बैठकर पूजा करें। चंडी स्त्रोत का 43 दिन तक पाठ करें। हर दिन नया पानी ले। पुराने पानों को इकट्ठा कर एक जगह रखें और अनुष्ठान पूर्ण होने पर सभी पान के पत्तों को जल में प्रवाहित कर दें। हनुमान जी को पान का एक बीड़ा लगाकर उन्हें अर्पण करना चाहिए।
ऐसा करने पर भगवान आवश्य ही कृपा करते हैं। पान के बड़े में मात्र गुलकंद, नारियल का बूरा और सुमन कतरी डालनी चाहिए। कत्था और चूना तंबाकू बिल्कुल न डालें। भगवान को पान अर्पण करते समय ध्यान करें और उनसे अपनी मनोकामना कहें।