Rewa : मुर्गे का व्यवसाय शुरू करके अब सुनीता मजदूरी से छुटकारा पा चुकी है। वह इस व्यवसाय से मोटी कमाई कर रही है।
रीवा। यदि मन में विकास करने की सोच हो संकल्प पूरा करने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो किसी के भी राह में रूकावट नहीं आती बल्कि उसे सफलता की सीढ़ीयां मिलती जाती हैं यह सिद्ध कर दिखाया है। कभी दूसरों के खेतों में काम करने वाली सुनीता अब मुर्गा पालन का व्यवसाय स्वयं संचालित करती है। जवा के घुरकुच ग्राम की सुनीता ने बताया कि गरीबी के कारण मजबूरीवश दूसरों के खेतों में मजदूरी करनी पड़ती थी।
कभी-कभी सोचती थी कि यदि अपना भी रोजगार होता तो मजदूरी करने से छुटकारा मिलता। सुनीता ने बताया कि गांव में पशुपालन विभाग के अधिकारियों से मिलने पर उन्होंने राज्य बैकपार्ड योजना के अन्तर्गत कक्कुट योजना की जानकारी दी और मैंने भी थोड़ी सी पूंजी से मुर्गा एवं अण्डा उत्पादन का व्यवसाय प्रारंभ किया।
खेती बाड़ी तो चल रही थी इसके साथ ही मुर्गा एवं अण्डा उत्पादन से सफलता मिली। मुर्गा एवं अण्डा घर में ही बिक जाता था। इससे अच्छा लाभ होने लगा और मेरी आर्थिक स्थित भी अच्छी हुई। मैं तो ग्राम की दूसरी महिलाओं को मुर्गा पालन एवं अण्डा उत्पादन का व्यवसाय प्रारंभ करने की सलाह दूंगी।
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