Rajasthan News: राजस्थान के कई जिलों में बारिश का कहर, इन जिलों में हुआ अलर्ट जारीराजस्थान में मानसून ब्रेक से राहत मिलती नजर आ रही है. 5 सितंबर यानी मंगलवार की देर शाम तक जयपुर भरतपुर और कोटा (kota) संभाग के कई जिलों में 45 किमी प्रति घंटे की स्पीड से आंधी चली. बारिश ने तर-बतर कर दिया जिससे गर्मी और उमस के बीच लोगों ने राहत की सांस ली. 28 अगस्त के बाद लगे मानसून ब्रेक से लोगों को एक बार फिर राहत मिली है
इन जिलों में येलो अलर्ट
दरसल, मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के मुताबिक अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, टोंक और उदयपुर में बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ आकाशीय बिजली गिरने और बारिश होने का अनुमान जताया गया है
इन जिलों के लिए अलर्ट हुआ जारी
आपको बता दे की मौसम विभाग ने 7 सितंबर को भी अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, सवाईमाधोपुर, टोंक और उदयपुर के लिए येलो अलर्ट जरी किया है.
इन जिलों में बारिश का कहर
इन जिलों में बारिश का कहर पिछले 24 घंटे में जयपुर, धौलपुर, भरतपुर, अलवर, बारां, कोटा, अजमेर, भीलवाड़ा, दौसा और सवाई माधोपुर जिले में कुछ स्थानों पर मंगलवार देर शाम बाद बारिश हुई.वहीं जयपुर और टोंक में धूलभरी आंधी ने विजिबिलिटी कम कर दी. सबसे ज्यादा धौलपुर के सैपऊं में 6 सेंटी मीटर बारिश दर्ज की गई. वहीं सबसे कम जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, अलवर में 1 सेमी बारिश दर्ज की गई.
कब तक जारी रहेंगी बारिश की गतिविधिया
कब तक जारी रहेंगी बारिश की गतिविधिया मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के मुताबिक बंगाल की खाड़ी, ओड़िशा-आंध्रप्रदेश तट पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. ये छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ गया है. इस सिस्टम के असर से राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में एक बार फिर से मानसून ब्रेक से राहत मिली है. इस सिस्टम के असर से कोटा, उदयपुर, जयपुर, भरतपुर और अजमेर संभाग के अधिकांश हिस्सों में 9 सितंबर तक बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी.
किसानो के लिए बहुत बढ़ी खुशी
किसानो के लिए बहुत बढ़ी खुशी मानसून ब्रेक होने से खरीफ सूख रही फसलों को एक बार फिर बारिश ने नया जीवन दे दिया है. किसानों की उम्मीद बढ़ गई है. 9 सितंबर तक बारिश की गतिविधियां जारी रहने से सूख रही फसलों को भारी राहत मिलने की उम्मीद है.