Araucana Hen: मुर्गी की यह नस्ल देती है ‘नीले रंग के अंडे’ बड़े ही शौक के खाते है लोग, जाने कहा पाई जाती है ये प्रजाति. देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी मुर्गियों की एक से बढ़कर एक बेहतरीन नस्ले पाई जाती है। जिनकी अपनी अपनी एक अलग ही खासियत होती है। आपने कई नस्लों की मुर्गियों को देखा होगा साथ ही उनके अंडो को भी देखा होगा। कई मुर्गिया बड़े आकर के अंडे देती है तो कुछ छोटे आकार के अंडे देती है। देशी और विदेशी नस्ल के अंडे आकर और रंग में थोड़े अलग हो सकते है पर क्या आपने कभी आपने नीले रंग के अंडे देने वाली मुर्गी के बारे में सुना या देखा है जी हा हम बात कर रहे है. नीले अंडे देने वाली मुर्गी के बारे में आपको बता दे की मुर्गी की यह नस्ल अरुकाना है, जो चिली देश में पायी जाती है। आइये जानते है इसके बारे में। ….
चिली देश में पाई जाती हैं इस प्रजाति की मुर्गिया
आपने अब तक सफ़ेद भूरे और काले रंग के ही मुर्गियों के अंडे देखे होंगे। लेकिन आज हम आपको नीले रंग के अंडे देने वाली मुर्गी के बारे में बताने जा रहे है। जिसका नाम अरूकाना Araucana है ये मुर्गियां अधिकतर चिली देश में पाई जाती हैं. आइए इन मुर्गियों और इनके नीले अंडों के बारे में जो हमें मिली है. उसको हम आपके साथ साझा करते है।
आपके मन में भी उठ रहा होगा यह सवाल

आपके जेहन में यह सवाल काफी उथल पुथल मचा रहा होगा की आखिर क्यों इस मुर्गी के अंडे का रंग नीला होता है. तो हमें प्राप्त जानकारी के अनुसार चिकन में रेट्रोवायरस के हमले की काफी ज्यादा आशंका रहती है. ये ऐसे वायरस होते है जो वायरस हैं जो सिंगल RNA होते हैं और मुर्गियों में प्रवेश कर उनमें जीनोम की संरचना को बदल देते हैं. इन रेट्रोवायरस को EAV-HP कहते हैं. जींस की संरचना में बड़े बदलाव के कारण चिकन के अंडे नीले हो जाते हैं.वैज्ञानिकों के मुताबिक यह घरेलू चिकन की ही एक किस्म है. तो यह इन नीले अंडो से जुडी जानकारी निकल के सामने आ रही है
मुर्गी की यह नस्ल देती है ‘नीले रंग के अंडे’ बड़े ही शौक के खाते है लोग, जाने कहा पाई जाती है ये प्रजाति
बड़े चाव से खाते है लोग इस मुर्गी के अंडे को

अब आपके मन में एक और सवाल उठ रहा होगा की क्या वायरस के चपेट में आने के बाद भी इस मुर्गी को खाना सही है। तो आपको बता दे की ये वायरस केवल जीन की आंतरिक संरचना में बदलाव कर उसका रंग बदल देता है.इस मुर्गी को चिली ही नहीं, बल्कि कई यूरोपियन देशों और अमेरिका में भी काफी शौक से खाया जाता है. और इस मुर्गी के चिकन को काफी स्वादिस्ट और हेल्थी माना जाता है।
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किसने की नीले रंग के अंडे देने वाली मुर्गी की खोज

हमें मिली मिडिया रिपोर्ट की जानकारी के अनुसार सबसे पहले 1914 में स्पेन के पक्षी वैज्ञानिक सल्वाडोर कस्तेलो ने चिली में इन मुर्गियों को देखा था. चिली अकेारुकानिआ इलाके में दिखने के कारण इसे अरुकाना कहा जाने लगा. तो यह थी यह मुर्गिया एक विशेष प्रकार के वायरस के चपेट में आने के कारन देती है नीले रंग के अंडे।