Maize Varieties: मक्का की टॉप 5 किस्मे जो बंपर पैदावार के साथ, किसानो को कर देगी मालामाल, जाने इनके बारे में मक्का की खेती भारत में व्यापक रूप से की जाती है। मक्का एक प्रमुख खाद्य फसल है। किसान इस फसल की बुआई कर के लाखों रूपये कमा सकते हैं। यह लाखों लोगों के लिए एक मुख्य भोजन है और पशुओं के लिए चारे के रूप में भी उपयोग में लाई जाती है। ऐसे में यदि इस फसल की उन्नत किस्मों की बुआई की जाए तो अच्छा मुनाफा हो सकता है।
मक्के की खेती
आपको बता दे मक्का एक ऐसी फसल है जो आर्द्र और ऊष्ण जलवायु के लिए उपयुक्त होती है। इस फसल के लिए एक ऐसी जमीन की आवश्यकता होती है जो पानी को अच्छी तरह से संचयित कर सकती हो और पानी की कमी न हो। इस तरह की जमीन मक्के की उत्पादकता में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मक्के की खेती ज्यादातर पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में की जाती है। मक्का की खेती के लिए सभी तरह की मिट्टी उपयुक्त होती है। भारत में मुख्य रूप से मक्के की खेती आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है, लेकिन अब एमपी, छ्त्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात आदि में भी इसका रकबा काफी बढ़ता जा है।
मक्का की खेती के लिए प्रयोग की जाने वाली खाद व उर्वरक की मात्रा
मक्का की खेती के लिए खाद व उर्वरक की मात्रा भी चुनी हुई किस्मों की उपयोग करनी चाहिए जिससे फसल की वृद्धि और उत्पादन दोनों को ही फ़ायदा होता है। जैसे- मक्का की खेती के लिए प्रयोग की जाने वाली नाइट्रोजन की मात्रा का तीसरा भाग बुआई के समय, दूसरा भाग बुआई के लगभग एक माह बाद साइड ड्रेसिंग के रूप में, तथा तीसरा और अंतिम भाग नरपुष्पों के निकलने से पहले। फॉस्फोरस और पोटाश दोनों की पूरी मात्रा बुआई के समय खेत में डालना चाहिए जिससे पौधों की जड़ों से होकर पूरे पौधों में पहुँच सके जिससे मक्का के पौधों की बृद्धि अच्छी होगी। जब आप किसी फसल के लिए खेती की तैयारी कर लेते है। आपका 50 फीसद काम पूरा हो चुका होता है।
एचएम – 11 (HM – 11)
यह देर से पकने वाली किस्म है, जिसे पकने में 95 से 120 दिन का समय लग सकता है। संकर मक्का की यह उन्नत किस्म कई रोगों के प्रति सहिष्णु है। इस किस्म की खासियत यह है कि यह अच्छी उपज देती है। इसके साथ ही संक्रमण प्रतिरोधी होने के कारण किसानों को इस किस्म की मक्का की खेती में लागत भी कम आती है। संकर मक्का की यह किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि क्षेत्रों में प्रसिद्ध है। इस किस्म से किसान 70 से 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर सकते हैं।
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पूसा विवेक हाइब्रिड 27 इम्प्रूव्ड
यह जल्दी पकने वाली किस्म है। इस किस्म से मक्के की फसल मात्र 84 दिन में तैयार हो जाती है। वर्ष 2020 में लॉन्च की गई यह किस्म भी मक्का की नवीनतम किस्मों में से एक है। उच्च प्रोटीन सामग्री के कारण, इस किस्म का बड़े पैमाने पर पशु आहार के लिए और प्रोटीनेक्स जैसे उत्पाद बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। पूसा विवेक हाइब्रिड 27 उन्नत किस्म किसानों को कम लागत में अधिक उपज देने के लिए जानी जाती है।
एस. पी. वी – 1041
इसकी खेती मध्य प्रदेश में की जाती है। इसके दाने सफेद रंग के होते हैं। इस किस्म की फसलों को पकने में 110 से 115 दिन समय लगता है। इस किस्म की फसल से औसत पैदावार प्रति हेक्टेयर लगभग 30-32 क्विंटल होती है।
डी. 941
यह संकुलित किस्म का मक्का है। इसकी खेती हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में की जाती है। प्रति हेक्टेयर जमीन से लगभग 40 से 45 क्विंटल फसल प्राप्त होता है। इसके फसल को तैयार होने में 80-85 दिन का समय लगता है।
प्रकाश – जे.एच. 3189
यह संकर किस्म जल्दी पकने वाली क़िस्मों में से एक है। इसकी खेती पूरे भारत में की जाती है। इस किस्म की फसल 80-85 दिन में तैयार हो जाते हैं। इस किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 40 से 45 क्विंटल फसल प्राप्त होता है।
शक्तिमान- इस क़िस्म की खेती मध्य प्रदेश में की जाती है। इसके दाने नारंगी होते हैं। इस किस्म की फसल को पकने में 100 से 110 दिन का समय लगता है। इस किस्म की फसल से औसत पैदावार प्रति हेक्टेयर लगभग 70 क्विंटल होती है।
मक्के की इन उपयुक्त किस्मों से फसल का अच्छा उत्पादन होगा एवं किसानों को इस किस्म की फसल से अच्छा मुनाफा भी होगा। इसलिए सभी किसान अपनी फसल की अच्छी उपज के लिए इन किस्म को उपयोग में लें सकते हैं।