बिजनेस कोई भी उसे शुरू करने से पहले यह देखना जरूरी है कि उसकी मार्केट में कितनी डिमाण्ड है। ऐसे में एलईडी बल्व का बिजनेस (LED Bulb Making Business) किया जा सकता है। क्योंकि गांव हो या शहर हर जगह एलईडी बल्व की खासी डिमाण्ड रहती है। एलईडी बल्व के ढेर सारे फायदे हैं। जैसे बिजली बचत के साथ ही कम पावर होने पर भी यह अच्छा प्रकाश देता है। प्लास्टिक का इसका कवर होने के कारण इसके टूटने का भी खतरा कम होता है।

आमतौर पर एक एलईडी बल्ब की लाइफ 50 हजार घंटे या उससे अधिक की होती है, जबकि सीएफएल बल्ब की लाइफ केवल 8 हजार घंटे तक ही होती है। इसके अलावा यह बल्व बिजली के बिलों पर भी काफी लगाम रखता है। ऐसे में एलईडी बल्ब का बिजनेस (LED Bulb Making Business) एक कमाल का आईडिया है। इस बिजनेस में खास बात यह है कि सरकार भी इसे बढ़ावा देती है। इस बिजनेस से जहां कई लोगों को रोजगार मिला है तो वहीं सरकार इसे करने की बकायदा ट्रेनिंग भी देती है।
कम निवेश से करें शुरूआत
एलईडी बल्व बिजनेस (LED Bulb Making Business) की शुरूआत बेहद कम निवेश से की जा सकती है। लो इंवेस्टमेंट का यह सबसे उत्तम बिजनेस माना जाता है। दरअसल मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो एवं स्मॉल एण्ड मीडियम एंटरप्राइजेज के तहत कई संस्थान एलईडी बल्व का बिजनेस शुरू करने की ट्रेनिंग भी देते हैं।
50 हजार के निवेश की जरूरत
एलईडी बल्व का बिजनेस (LED Bulb Making Business) महज 50 हजार के निवेश से शुरू किया जा सकता है। इस बिजनेस के लिए आपको दुकान की भी जरूरत नहीं है। इसे घर से ही शुरू किया जा सकता है। एक बल्व को तैयार करने में करीब 50 रूपए की लागत आती है। जिसे बाजार में 100 रूपए तक सेल किया जा सकता है। ऐसे में एलईडी बल्व का बिजनेस डबल मुनाफा देने वाला साबित होता है।

ऐसे में यदि आप एक दिन 100 बल्व तैयार करते हैं और उसे 100 की दर से प्रति बल्व सेल करते हैं तो दिन का 5000 रूपए आपको सीधे प्रॉफिट होगा। ऐसे में महीने के आप 1.5 लाख रूपए आसानी से कमा सकते है। लेकिन शुरूआत में हर बिजनेस की तरह इसमें भी मेहनत की जरूरत होती है। एक बार मार्केट बन जाने के बाद कई सालों तक इस बिजनसे से मोटी कमाई की जा सकती है।
इन चीजों की मिलती है ट्रेनिंग
स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत कई कंपनियां एलईडी बल्व (LED Bulb Making Business) बनाने की ट्रेनिंग देती है। जिसमें एलईडी बल्व कैेसे तैयार किया जाता है, बेसिक ऑफ एलईडी, एलईडी ड्राइव, फिटिंग टेस्टिंग, मैटेरियल की खरीदी, मार्केटिंग, सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी स्कीम आदि की जानकारी मुहैया कराई जाती है।