Gende Ki Kheti: किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होगी गेंदे की खेती, होगी तगड़ी कमाई, जाने खेती करने का तरीका आजकल किसान भाई अधिक मुनाफा कमाने के लिए आधुनिक पद्धति से खेती करने के और अग्रसर हो रहे है। जिससे वह कम समय में बेहतर मुनाफा कमा सके। बता दे की आजकल फूलो की मार्केट में काफी डिमांड रहती है। मुफस्सिल थाना अंतर्गत गोढ़वा पंचायत के रहने वाले किसान अरविंद कुमार ने न्यू चाइना वेरयटी गेंदा की खेती की है. अपने एक बीघा खेत में उन्होंने कुल बीस हजार पौधे लगाए हैं. गेंदे के पौधे अब बड़े-बड़े हो गए हैं और बड़े पैमाने पर फूल निकल रहा है. किसान अरविंद कुमार कहते हैं कि उन्होंने अपने खेत में ‘न्यू चाइना वैरायटी’ गेंदा का पौधा लगाया है. इस पौधे को उन्होंने कोलकाता से प्रति पौधा 50 पैसे की दर से मंगाया है. किसान अरविन्द कमा रहा है बेहतर लाभ।
गर्मी के दिनों में फूल देता है इस वेरायटी का गन्ना

गर्मी के दिनों में फूलो की बाजार में काफी डिमांड रहती है। किसान अरविंद ने बताया कि मुख्य रूप से यह पौधा गर्मी में फूल देता है. यही कारण है कि जनवरी के महीने में ही इसका रोपन किया जाता है. पौधे को बड़ा होने में 3 महीने का समय लगता है. 3 महीने के बाद पौधे में फूल आने लगता है और अगले 3 महीने तक फूल देता है. मतलब कुल 6 महीने की खेती है. इतने कम दिनों में ही किसान हो जायेगा मालामाल।
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किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होगी गेंदे की खेती, होगी तगड़ी कमाई, जाने खेती करने का तरीका
गेंदे की खेती करने में लगने वाली लागत

आपको बता दे की एक बीघा में गेंदे की खेती करने के लिए 20 हजार पौधे लगाने से फूल निकलने की शुरुआत तक कुल 50 से 60 हजार का खर्चा आता है. यह लागत पौधा लगाने, उसमें खाद, पानी, कीटनाशक छिड़कने एवं रखरखाव में आई है. एक बार फूल उत्पादन शुरू होने के बाद फूल की तोड़ाई की जाती है. जिसके लिए स्थानीय लेबर 150 से लेकर 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से लेते हैं. टूटे हुए इन सभी फूलों से लड़ी एवं कुड़ी बनाई जाती है. यह काम भी स्थानीय लड़कियां एवं महिलाएं करती हैं. इसके लिए 10 से 15 रुपया प्रति कुड़ी की दर से लेती हैं. एक कुड़ी में 20 माला होता है. प्रत्येक माला एक मीटर की होती है. जिससे आसपास के लोगो को रोजगार भी मिलता है और किसान को भी बेहतर मुनाफा होता है।
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महंगे दामों में बिकती है फूलो की कुड़ी

अब इन तैयार फूल की कुड़ी को बाजार में बेचने के लिए ले जाया जाता है. जहा स्थानीय फूल दुकानदार रेट तय करके लेते हैं एवं मार्केट के अनुसार बेचकर अपना कमीशन काटकर किसान को मूलधन एवं मुनाफा देते हैं. बता दे कि जहां ऑफ सीजन में 70 से 100 रुपए प्रति कुड़ी तो वहीं सीजन में 120 से लेकर 150 रुपए प्रति कुड़ी के हिसाब से बिकती है. उसी के हिसाब से दुकानदार अपना 20 से 30 कमीशन काटकर किसान को देते हैं.और तब ही किसान को फायदा भी होता है।