Peach Farming: किसान भाइयों के लिए लाभ का जरिया बनी आड़ू की खेती, इन किस्मों से हो रहा बंपर उत्पादन देश के किसानो के लिए अब आम और संतरे से भी अधिक मुनाफा देने वाली फसल बन गयी है आडू की खेती। आम की फसल से पहले बागवानों के लिए आड़ू मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है। पिछले कुछ सालों में क्षेत्र में आड़ू की खेती की ओर किसानों की दिलचस्पी काफी बढ़ गयी है। आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से।
आड़ू की खेती में दिलचस्पी दिखा रहे किसान

बता दे की रटौल के अलावा आसपास के इलाके में लगभग 200 एकड़ भूमि पर आड़ू की खेती की जा रही है। देश-विदेश में आम की मिठास से अपनी पहचान बनाने वाले रटौल में अब किसान भाई आम के साथ आड़ू की खेती ओर बढ़ रहा है। किसानों का कहना है कि इसका पौधा दो साल में फल देना शुरु कर देता है। और साथ ही यह अच्छा लाभ भी देती है।
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किसानो को होता है बम्पर मुनाफा
बता दे की आड़ू की फसल जल्दी तैयार होने के कारण किसानों को इससे अच्छा मुनाफा मिलता है। कम लागत में अच्छी पैदावार होने के कारण बागवान आम और अमरूद के बागानों के साथ आड़ू की पैदावार कर रहे है. और अपनी आय को दुगना करने का प्रयास कर रहे है।
किसान भाइयों के लिए लाभ का जरिया बनी आड़ू की खेती, इन किस्मों से हो रहा बंपर उत्पादन
आड़ू की बेहतरीन किस्मे

रटौल क्षेत्र में लगभग 200 एकड़ में आड़ू के बागान हैं। बेहतर उत्पादन के लिए आड़ू की इन किस्मो की खेती से किसान कमा सकते है अच्छा मुनाफा उनके नाम है प्रभात, शेरे पंजाब, भूरा, बादाम, चालाका और सरबती किस्म का उत्पादन किया जा रहा है। इसकी फसल तैयार हो चुकी है और बाजारों में बागवानों को इसका मोटा दाम भी मिल रहा है।
बाजारों में मिल रहा 120 रूपये भाव
बागवानों का कहना है कि आड़ू की खेती फायदे का सौदा साबित हो रही है। बाजार में सौ से 120 रुपये किलो का भाव मिल रहा है। कस्बे से दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और हरियाणा आड़ू की सप्लाई की जा रही है। और बेहतर मुनाफा कमाया जा रहा है।
आड़ू के मिल रहे अच्छे दाम
कस्बे से दिल्ली, हरियाणा, गाजियाबाद, मेरठ नजदीक होने के कारण आड़ू के अच्छे दाम मिल रहे हैं। आम की फसल से पहले आड़ू से अच्छा खासा मुनाफा मिल रहा है। इससे किसान भाई काफी खुश नजर आ रहे है।
दो साल में ही फल देने लगता है आड़ू का पौधा

आम बागानों में आड़ू का बागान तैयार कर आम की फसल से पहले कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल जाता है। आड़ू का पौधा दो साल में ही फल देने लगता है, जो मुनाफे का सौदा है.साथ इसके लिए कम लागत और काम म्हणत की भी आवश्यता होती है।
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कम लागत में बेहतर मुनाफा
आड़ू की फसल से कम लागत में अच्छा मुनाफा मिलने के कारण बागवानों का रुझान आड़ू की ओर बढ़ रहा है। बाजार में रटौल के इसका अच्छा दाम मिल रहा है. जिससे किसान अब आड़ू की खेती करने पर विशेष जोर दे रहे है।