IPL 2023: इस सीजन में अपनी बेहतरीन और विष्फोटक बल्लेबाज़ी से सबके दिल में जगह बनाने वाले जितेश शर्मा की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है उन्होंने क्रिकेट खेलना शौक के लिए नहीं बल्कि एयर फाॅर्स में सिलेक्शन हो जाए इस लिए खेला और आज उनकी किश्मत उन्हें कहाँ से कहाँ ले आयी. जितेश शर्मा एयर फाॅर्स ऑफिसर बनना चाहते थे
पंजाब किंग्स ने इंडियन प्रीमियर लीग के 16वें सीजन यानी आईपीएल 2023 में अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है. टीम ने खेले 7 में से 4 मुकाबले जीते हैं. 8 अंक के साथ वह प्वाइंट टेबल में 5वें नंबर पर है. टीम ने एक मुकाबले में मुंबई इंडियंस को 13 रन से हराया. मैच में विकेटकीपर बैटर जितेश शर्मा ने सिर्फ 7 गेंद का ही सामना किया, लेकिन इस दौरान उनकी छोटी सी पारी मैच का रुख पलटने के लिए पर्याप्त थी. मैच की बात करें, तो पंजाब किंग्स ने पहले खेलते हुए 8 विकेट पर 214 रन बनाए थे. जवाब में मुंबई की टीम 6 विकेट पर 201 रन ही बना सकी. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने भी 4 विकेट झटके और पंजाब की जीत में अहम रोल निभाया
आईपीएल में धोनी से भी ज्यादा है इनका स्ट्राइक रेट

29 साल के विकेटकीपर बैटर जिमेश शर्मा की बात करें, तो यह उनका सिर्फ दूसरा ही आईपीएल सीजन है, लेकिन उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से सभी को खुश होने का मौका दे दिया. उनका स्ट्राइक रेट एमएस धोनी से भी अच्छा है. पंजाब किंग्स से खेल रहे जितेश शर्मा ने मुंबई इंडियंस के खिलाफ 7 गेंद का सामना किया. 4 छक्के की मदद से 25 रन बनाए. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 357 का रहा. उनके ओवरऑल आईपीएल करियर की बात करें, तो वे अब तक 19 मैच में 379 रन बना चुके हैं. 44 रन बेस्ट प्रदर्शन है, लेकिन इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 158 का है, जो टी20 के लिहाज से अहम है
Jitesh Sharma: आईपीएल में इस सीजन अपनी बैटिंग से मचा रहे तबाही, पर असल में कभी बनना ही नहीं चाहते थे क्रिकेटर
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एग्जाम में 25 नंबर की छूट मिले इस वजह से क्रिकेट खेला

जितेश शर्मा ने क्रिकइंफो से बताया कि मैं कभी क्रिकेट नहीं खेलना चाहता था. सच कहूं तो मुझे कोई दिलचस्पी नहीं थी. महाराष्ट्र में नियम है कि 10वीं क्लास में तक अगर आप राज्य की टीम के लिए खेलते हैं, तो आपको 4 फीसदी अतिरिक्त अंक मिलते हैं. मैं अपने स्कूल के लिए फुटबॉल खेलता था, लेकिन मेरे दोस्तों ने मुझे बताया कि हमारे स्कूल की क्रिकेट टीम अच्छी है और अगर मुझे राज्य के लिए चुना जाता है, तो मुझे और अधिक अंक मिल सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं केवल उन एक्स्ट्रा अंक के लिए स्कूल के ट्रायल में शामिल हुआ. स्कूल में कोई विकेटकीपर नहीं था, इसलिए जब मुझसे पूछा कि क्या मैं विकेटकीपिंग करूंगा, तो मैंने हां कर दिया
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कोच के कहने पर ट्रायल देने पहुंचे
साल 2011 में जितेश शर्मा की उम्र 16 साल थी. इस साल उन्होंने अपने कोच अमर मोरे के कहने पर विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन में हुए जिला ट्रायल में हिस्सा लिया. जितेश के मुताबिक, अमर मोरे सर ने मुझे स्कूल में क्रिकेट खेलते हुए देखा था. उनके कहने पर मैं अमरावती क्रिकेट क्लब में शामिल हो गया. मेरी योजना साफ थी कि मैं बोर्ड के बाद क्रिकेट छोड़ दूंगा. लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ’
पापा के कहने पर नहीं छोड़ा क्रिकेट खेलना
जितेश ने बताया की जब वह 11वीं कक्षा में गया, तो मैंने सोचा कि मैं नहीं खेलूंगा, लेकिन मेरे पिता ने मुझे सलाह दी कि फिट रहने के लिए क्रिकेट का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि एनडीए की परीक्षा पास करने के लिए फिटनेस एक महत्वपूर्ण पैरामीटर था, जो मैं करना चाहता था.