Hanuman Jayanti 2023 : हनुमान जी की अदालत में भक्त लगाते हैं अर्जी, पूरी होती है हर मन्नत
Hanuman Jayanti 2023 : चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस साल हनुमान जयंती 6 अप्रैल 2023 को पड़ रही हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं रीवा शहर के चिरहुला में स्थित हनुमान जी मंदिर से जुड़ी कुछ दिचलस्प बातें। जो शायद अब तक आपको पता नहीं होगी।
Hanuman Jayanti 2023 : रीवा शहर का चिरहुला नाथ मंदिर सबसे प्रसिद्ध मंदिर में से एक हैं। जहां हर मंगलवार व शनिवार भारी संख्या में भक्तगण पहुंकचर पूजा-पाठ करते हैं। वैसे तो यहां हर दिन भीड़ बनी रहती हैं। लेकिन मंगलवार व शनिवार के दिन यहां इतनी भीड़ होती है कि पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती है। चिरहुला नाथ मंदिर दरबार में भक्त हर दिन मानस पाठ, हनुमान चलीसा पाठ, सत्यनारायण कथा, भण्डारा आदि करते हुए सहज ही देखे जा सकते हैं। चिरहुलानथ स्वामी का दर्शन करने दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं और मन्नते मांगते हैं।

न्यायाधीश की तरह समस्याएं सुनते हैं हनुमानजी
Hanuman Jayanti 2023 : जानकारों की माने तो चिरहुलानाथ स्वामी हनुमान जी भक्तों की समस्या न्यायाधीश की तरह सुनते हैं। वह भक्तों का कष्ट दूर करते हैं। यहां बकायदे अदालत चलती है। जिसके न्यायाधीश खुद हनुमान जी हैं। चिरहुलानाथ मंदिर के पुजारी टोनी महाराज बताते हैं कि आज से 500 वर्ष पूर्व सिद्ध संत चिरहुलादास महाराज द्वारा हनुमान जी की तीन प्रतिमाएं स्थापित की गई थी। जिसमें मध्यम कोर्ट यानी कि जिला कोर्ट चिरहुला में, जबकि हाईकोर्ट रामसागर में व सुप्रीम कोर्ट खेमसागर लोही में स्थापित की थी। जहां हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यहां दूर-दूर से लोग अपनी अर्जी लेकर पहुंचते हैं। हनुमान जी सभी की समस्याएं सुनते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
हनुमान जयंती पर लगी भक्तों की भीड़
Hanuman Jayanti 2023 : चिरहुलानाथ मंदिर में हनुमान जयंती के अवसर पर सुबह से ही भक्तों में उत्साह देखा गया। सुबह से ही भक्त हाथ में जल, फूल माला व नारियल लेकर यहां पहुंचते हुए दिखाई दिए। सभी भक्तों ने लाइन लगाकर बारी-बारी से हनुमान जी के दर्शन किए और मन्नतें मांगी। हनुमान जयंती अवसर पर मंदिर प्रबंधन द्वारा विशेष भण्डारे का भी आयोजन किया गया। देर दोपहर से शुरू हुआ भण्डारा देर शाम तक चलता रहा। जहां भारी संख्या में भक्तगण पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया। बताते चले कि हनुमान जयंती के एक दिन पूर्व से यहां रामचरित मानस का पाठ शुरू किया गया। जो हनुमान जयंती पर समाप्त हुआ। इसके बाद वृहद भण्डारे का आयोजन किया गया।