Comman Wealth Games 2022 : भारत के वेटलिफ्टर गुरुराजा पुजारी ने शनिवार को भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स का दूसरा पदक जीता। उन्होंने वेटलिफाइटिंग में 61किलोग्राम का भारवर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया। स्नैच एंड क्लीन जर्क इवेंट में गुरूराजा ने पदक अपने नाम किया । स्नेच में गुरूराजा ने 118 किलोग्राम का वजन उठाया था , जबकि क्लीन एंड जर्क में 269 किलोग्राम का भारवर्ग उठाया था। गुरुराजा को अंतिम राउंड में कनाडा के यूरी स्मार्ड से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा।

क्लीन एंड जर्क में गुरुराजा पुजारी, जी सीमार्ड से एक किलो ज्यादा भार उठाने में सफल रहे। और वही पिछले साल के कॉमनवेल्थ के गेम्स (Comman Wealth Games 2022 ) में गुरुराजा ने रजत पदक अपने नाम किया था। मगर इस बार उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। यह भारत के आज के पदक में दूसरा पदक है। इससे कुछ समय पहले ही वेटलिफ्टिंग में ही सरगर ने 55 किलोग्राम भारवर्ग में रजत पदक हासिल किया था।
29 साल के गुरुराजा के इस पदक को जीतने के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी रही है। उनके पिता महाबाला पुजारी पिक अप ट्रैक के चालक है मगर उन्होंने कभी आपने बेटे को हताश नहीं होने दिया और उन्हें प्रोत्साहित करते रहे और वही गुरुराजा जी ने भी कभी हिम्मत नही हारी और मेहनत करते रहे। और भारत के लिये कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक जीते। गुरुराजा का जन्म 15अगस्त 1992 को कर्नाटक उदिपी जिले के कुंडापुरा गांव में हुआ था।
गुरुराजा के स्कूल के दिनो से ही खेलो के प्रति बहुत रुचि रही, हाई स्कूल के दौरान गुरुराजा ने पहलवान बनने का सोचा था और उन्होंने कुस्ती के कुछ दाव पेच भी सीखे थे। गुरुराजा में पहलवान बनने की प्रेरणा सुशील कुमार को देख कर आई क्योंकि तब 2010 के कॉमनवेल्थ में सुशील कुमार को देखा था। मगर उसके बाद जब वह कॉलेज गए तो उनके कोच ने उनके हुनर को पहचाना और उन्हें कुस्ती की जगह वेटलिफ्टिंग करने की सलाह दी।
गुरुराजा के लिए पढ़ाई के साथ वेटलिफ्टिंग करना एक बड़ी चुनौती थी मगर उन्होंने उसे कैसे भी कर के संभाल लिया और आगे बड़ते रहे। गुरुराजा ने पहले आर्मी में भर्ती के लिय भी तैयारी की थी, मगर कम हाइट की वजह से उन्हें अपना यह सपना छोड़ना पड़ा था। फिर गुरुराजा ने वायुसेना में जाने का फैसला किया और अब वह वहां के कर्मचारी पद पर कार्यवत हैं।
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