Bullet के छक्के छुड़ाने वाली ये ‘काली घोड़ी’, फिल्मों से मिला था नाम, जानिए Yezdi की भारत में एंट्री रेट्रो लुक वाली धासु बाइक को लेकर आने पर लोगो की जो प्रतिक्रिया होती थी वोह बहुत ही अलग होती थी इस बाइक की खासियत ही कुछ और होती थी 90 के दसक की ये दबंग बाइक थी अपने दबंग लुक्स और फीचर्स से और धाकड़ बॉडी लुक्स बुलेट को भी टक्कर देने में आगे रहती थी येज़्दी मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल कई फिल्मों में भी हुआ. 1981 में रिलीज हुई फिल्म ‘चश्मे बद्दूर’ में इसे ‘काली घोड़ी’ नाम दिया गया था. हालांकि थोड़ी समय बाद येज़्दी बाइक ने भारतीय बाजार से विदाई ली. चलिए, हम इस बाइक की पूरी हिस्ट्री समझते हैं.
Bullet के छक्के छुड़ाने वाली ये ‘काली घोड़ी’, फिल्मों से मिला था नाम, जानिए Yezdi की भारत में एंट्री
Jawa कंपनी की ये दबंग बाइक है इसकी बात की जाए तो भारत में इसकी एंट्री 1960 के दशक में भारतीय बाजार में लॉन्च किया गया था. यह बाइक Jawa कंपनी द्वारा निर्मित की गई थी. भारत में Jawa कंपनी की एंट्री मैसूर के राजा जयचामाराजेंद्र वाडियार और पारसी व्यापारी रुस्तम ईरानी द्वारा की गई थी. मैसूर में Ideal Jawa (India) Limited नामक एक मोटरसाइकिल कंपनी की स्थापना हुई, जो 1960 में ब्रांड नाम Jawa के तहत और 1973 से Yezdi के नाम से मोटरसाइकिल्स बेचती थी

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जावा ने अपनी पहली बाइक ‘Jawa 250- Type 353’ के नाम से लॉन्च की, तो मार्केट में एक अलग ही नाम चला दिया था और भारत में उस बाइक की एक अलग पहचान बन गयी थी लोकप्रिय बाइक में से एक थी जावा इसके बाद, और दो बाइकों को ‘Jawa 50’ और ‘Jawa 50 Type 555’ के नाम से पेश किया गया. जब जावा अपनी मजबूती साबित कर चुकी थी, तब येज्दी ने पहली बाइक ‘Yezdi JET 60’ के रूप में दस्तक दी. इन बाइकों के साथ, तकरार करने वाला कोई और नहीं था लगभग तीन दशक तक.
जावा कंपनी कैसे हुई थी बंद

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1973 में, जावा कंपनी का लाइसेंस समाप्त हो गया. इस परिस्थिति में, रुस्तम ईरानी ने कंपनी को ‘Yezdi’ के नाम से पंजीकृत कराया. हालांकि, 1990 के बाद, कई नए मॉडलों का लॉन्च हुआ, लेकिन Yezdi की बिक्री कम हो गई. कंपनी की अंतिम बाइक 1996 में लॉन्च की गई. उसी साल, कंपनी को बंद करना पड़ा