राजकीय सम्मान के साथ हुआ बीएसएफ के शहीद जवान राघवेन्द्र सिंह का अंतिम संस्कार

राजकीय सम्मान के साथ हुआ बीएसएफ के शहीद जवान राघवेन्द्र सिंह का अंतिम संस्कार

सीधी देश सेवा में लगे बीएसएफ जवान राघवेन्द्र सिंह का पार्थिव शरीर विशेष वाहन से लेकर सेना के जवान दरम्यानी रात उनके गृह ग्राम कोल्हूडीह पहुंचे। कल रविवार की सुबह सोन नदी तट पर जवान राघवेन्द्र सिंह के पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक अंतिम सलामी जवानों द्वारा दी गई। जिसके बाद मुखाग्नि दी गई। इस दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ उपस्थित रही और सभी ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

पश्चिम बंगाल के रायगंज में थे तैनात

बताते चलें कि सीधी जिले के कोल्हूडीह निवासी राघवेन्द्र सिंह पिता हंशराज सिंह वर्ष 1993 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी ड्यूटी पश्चिम बंगाल के रायगंज में लगी हुई थी। 22 अप्रैल को सुबह करीब 8 बजे वो गंभीर हालत में मिले। उन्हे तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका। परिजनों एवं जिला प्रशासन को बीएसएफ द्वारा पूर्व में ही सूचना दे दी गई थी।

राजकीय सम्मान के साथ हुआ बीएसएफ के शहीद जवान राघवेन्द्र सिंह का अंतिम संस्कार

उनके पार्थिव शरीर को बीएसएफ के 12 जवान विशेष वाहन से लेकर गृह ग्राम कोल्हूडीह के लिए रवाना हुए। 1800 किलोमीटर की यात्रा तय करके तीसरे दिन विशेष वाहन मऊगंज की ओर से सीधी जिले की कैमोर पहाड़ सीमा में शनिवार की रात 12 बजे दाखिल हुआ। वहां कमर्जी थाना प्रभारी पवन सिंह ने अपने दल-बल के साथ अगुवानी की और रात करीब 12रू30 बजे उनके पार्थिव शरीर को गृह ग्राम कोल्हूडीह पहुंचाया गया।

सोन नदी तट पर हुआ अंतिम संस्कार

रविवार की सुबह राघवेन्द्र सिंह के पार्थिव शरीर को सोन नदी तट के तीर पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचाया गया। इस दौरान दर्जनों गांव के लोग भारी संख्या में वहां उपस्थित थे। सभी ने नम आंखों से बीएसएफ के बहादुर जवान राघवेन्द्र सिंह को अंतिम विदाई दी।

बताया गया है कि बीएसएफ राघवेन्द्र सिंह की तबियत अचानक खराब हुई और वह 22 अप्रैल की सुबह अंतिम सांसे ली। अपने पीछे वह 4 बच्चों समेत भरे पूरे परिवार को रोता-बिलखता छोंडकर चले गए। उनके जाने के बाद से पूरा परिवार भारी मातम में डूबा हुआ है। परिजन रो-रो कर बेहाल थे। उनको सांत्वना देने के लिए गांव के लोग जुटे हुए थे। अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासन की ओर से भी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

राजकीय सम्मान के साथ हुआ बीएसएफ के शहीद जवान राघवेन्द्र सिंह का अंतिम संस्कार

गांव के लोगों का कहना था कि बीएसएफ में भर्ती होने के बाद से राघवेन्द्र सिंह जब भी छुट्टी पर घर आते थे हमेंशा बहादुरी की बात ही करते थे। गांव एवं क्षेत्र के युवाओं को भी सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित करते थे। उनके अचानक न रहने की खबर जैसे की क्षेत्र में आग की तरह फैली लोगों में भारी मातम छा गया। लोग काफी बेसब्री के साथ उनके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। जिससे अपने बहादुर जवान को अंतिम विदाई देने का उन्हे भी अवसर मिल सके।

Also Read- 10 Rupees Rare Note : 10 रूपए का यह अति दुर्लभ नोट दिलाएगा पूरे 50 हजार, दो-चार हुए तो बन जाएंगे लखपति

Also Read- Business Idea : गांव हो या शहर हर जगह है इस बिजनेस की खूब डिमाण्ड, दिन की होगी 4 हजार की अंधाधुंध कमाई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *