Desi jugaad : बिहार के लाल ने बना लिया पैर से पैडल मार चलने वाला ट्रेक्टर ,देखे ये अद्भुद देसी जुगाड़ की कहानी बात की जाये भारत के जुगाड़ की तो भारत जुगाड़ के अविष्कार करने के मामले में अव्वल नंबर पर है और भारत के देसी जुगाड़ देख अच्छे अच्छे लोग हैरान हो जाते है और भारत में ऐसे ऐसे जुगाड़ू लोग है की किसी भी नामुमकिन चीज को अपने देसी जुगाड़ से संभव कर दिखाते है और भारत के ऐसे ही अनोखे देसी जुगाड़ सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी होते नजर आते है और लोग इन जुगाड़ों को काफी शेयर भी करते है तो आईये हम आपको आज ऐसे ही एक अनोखे देसी जुगाड़ के बारे में बताने जा रहे है जिसे देख आप आज हैरान हो जायेगे की ये भी कैसे संभव है
Desi jugaad : बिहार के लाल ने बना लिया पैर से पैडल मार चलने वाला ट्रेक्टर ,देखे ये अद्भुद देसी जुगाड़
Desi jugaad : बिहार के लाल ने बना लिया पैर से पैडल मार चलने वाला ट्रेक्टर ,देखे ये अद्भुद देसी जुगाड़ पश्चिमी चम्पारण के बेतिया में एक युवक ने अनोखा आविष्कार किया है. जहां युवक ने एक ऐसा मिनी ट्रैक्टर बनाया है जिसे चलाने के लिए किसी डीजल या पेट्रोल की जरूरत नहीं होगी. इन मिनी ट्रैक्टर से खेत को जोता जा सकता है और सामानों को भी ढोया जा सकता है. कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है. इस कहावत को बेतिया के एक युवक ने सच साबित कर दिया है. जहां पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान युवक ने एक ऐसे ट्रैक्टर का आविष्कार किया जिसे चलाने के लिए न डीजल की जरूरत है और न पेट्रोल की.
क्या है इस ट्रैक्टर की खासियत जाने
यह अनोखा देसी जुगाड़ ट्रेक्टर दूसरे ट्रैक्टर की तरह डीजल से नहीं बल्कि पैरो से पैडल मारने से भी चलते है जिससे की आपके पैसो की भी बचत होगी और आप को खेती किसानी करने में भी आसानी होगी यह ट्रैक्टर बगैर ईंधन के चलेगी। एक आदमी जिस तरह से साइकिल चलाता है, उसी तरह से चलाकर खेतों की जुताई व टेलङ्क्षरग कर सकता है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की तो उसी वक्त व्यक्ति ने प्रदूषण मुक्त मिनी ट्रैक्टर बनाने की योजना बनाई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की तो उसी वक्त मैंने प्रदूषण मुक्त मिनी ट्रैक्टर बनाने की योजना बनाई आगामी 10 दिसंबर को गोवा के पडज़ी में लगने वाले इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिबल की प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए यह ट्रैक्टर जा रहा है। सोमवार को मिनी ट्रैक्टर का ट्रायल लिया गया। जिला पार्षद मनोज कुशवाहा ने ट्रैक्टर को चलाकर खेत की जुताई की और संजीत के कौशल की सराहना की। ट्रैक्टर के निर्माता युवा रिसर्चर संजीत रंजन ने बताया कि वर्ष 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की तो उसी वक्त मैंने प्रदूषण मुक्त मिनी ट्रैक्टर बनाने की योजना बनाई। लेकिन अर्थिक तंगी की वजह से सफल नहीं हो सका। बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद गांव में बच्चों को ट््यूशन पढ़ाता हूं। महीने के तीन- चार हजार की कमाई होती है। उसी में से बचाकर ट्रैक्टर का निर्माण किया है। गोवा की प्रदर्शनी से उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्तर पर मिनी ट्रैक्टर को पहचान मिलेगी और सरकारी स्तर से मदद के बाद इस ट्रैक्टर की क्षमता शक्ति का विकास करेंगे।
मानव ऊर्जा से डायनेमो यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करेगा ये जुगाड़

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संजीत ने बताया कि इस वाहन में 5000 एमएएच पावर की एक चार्जेबल बैटरी भी लगाई है, जिससे ट्रैक्टर में लगे एलईडी बल्ब जलते हैं. जब ट्रैक्टर को चलाया जाएगा, तब मानव ऊर्जा को इसमें लगा डायनेमो यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करेगा, जिससे बैटरी चार्ज होती रहेगी. बताया कि अब लोग दूर-दूर से इस ट्रैक्टर को देखने के लिए आ रहे हैं और उन्हें यह पसंद भी आ रहा है.
यह देसी जुगाड़ के लिए सम्मानित कर पुरस्कृत भी किया गया
संजीत के अनुसार, इस आविष्का को 2022 में गोवा में लगे इंडिया इंटरनेशनल विज्ञान प्रदर्शनी में भी शामिल किया गया था. खास बात यह है कि पूरे बिहार से संजीत एकमात्र ऐसे युवा थे, जिनके आविष्कार को उस प्रदर्शनी के लिए चुना गया था. वहां मौजूद सभी अधिकारियों ने संजीत के इस अविष्कार की सराहना की तथा पुरस्कृत भी किया.
बिहार के लाल ने पीएम को लिखा पत्र
बिहार के लाल ने पीएम को लिखा पत्र संजीत ने वर्ष 2019 में एक दूसरी डिवाइस बनाई। उस डिवाइस को बर्फिली जगहों पर ड्यूटी करने वाले सेना के जवानों के उपयोग को ध्यान में रखकर बनाया था। करीब एक हजार रुपये लागत वाली यह ऐसी डिवाइस है जो शरीर को सर्दी में गर्म और गर्मी में शीतलता प्रदान करती है। मोबाइल की तरह जेब में इस डिवाइस को रखा जा सकता है। उसने बताया कि इसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।