दो राशियों के लिए पुखराज रत्न (Pukhraj Ratan) बेहद फलदायी होता है। मान्यता है कि पुखराज रत्न धारण करते ही इन व्यक्तियों का भाग्य चमक उठता है, जिससे बिजनेस में तरक्की, वैवाहिक जीवन में सुख व धन से इनका भण्डार भर जाता है।
ज्योतिष शास्त्रों में रत्नों को बड़ा महत्व दिया गया है। ज्योतिष में अलग-अलग राशियों के लिए अलग-अलग रत्न बताए गए हैं। इस आर्टिकल में आज हम पुखराज रत्न के बारे में जानेंगे। मान्यता है कि पुखराज रत्न दो राशियों के लिए बेहद फलदायी है। यदि इन राशियों के जातक पुखराज रत्न को धारण करते हैं तो इनक सोया भाग्य जाग उठता है और इन्हें तमाम तरह की सुख-सुविधाएं मिलती है। तो चलिए जानते हैं उन दो राशियों के बारे में।
इन राशियों के लिए शुभ है पुखराज
पुखराज रत्न (Pukhraj Ratan) जिन दो राशियों के लिए बेहद शुभ फल प्रदान करता है। उसमें मीन व धनु राशि शामिल है। क्योंकि इन दोनों ही राशियों के स्वामी देवगुरू बृहस्पति है। मान्यता है कि इन राशियों के द्वारा पुखराज रत्न धारण करने से जीवन में कई तरह के बदलाव आते है। इनका सोया हुआ भाग्य जाग उठता है। इनका वैवाहिक जीवन सुखमय हो जाता है। आर्थिक पक्ष इनका मजबूत होता है। बिजनेस व व्यापार में तरक्की मिलने लगती है। पुखराज रत्न इन राशि के जातकों को मान, सम्मान, प्रसिद्धी दिलाता है। ज्योतिषविद्ों की माने तो मीन व धुन के राशि के अलावा पुखराज रत्न कर्क, सिंह राशि के लिए भी उत्तम रहता है।
यह है पुख्राज धारण करने की विधि
पुखराज रत्न (Pukhraj Ratan) को गुरूवार के दिन ही धारण करना चाहिए। पुखराज रत्न को पीले धातू अथवा पंच धातु में बनवाना चाहिए। गुरूवार के दिन सुबह स्नान करके दूध व गंगाजल में इस अंगूठी को डाले। फिर शहद से स्नान कराएं। इसके बाद पानी से अच्छी तरह से धुलने के बाद इसे दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करना चाहिए। रिपोर्ट की माने तो यदि किसी कारणवश मीन एवं धनु राशि के जातक पुखराज रत्न को धारण नहीं कर पाते है तो वह सोनहला रत्न को भी धारण कर सकते हैं। यह पुखराज का ही उपरत्न माना जाता है।
नोट- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सत्य एवं सटीक है। इसकी पुष्टि हम नहीं करते हैं। किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पूर्व जानकार से सलाह अवश्य लें।