Arbi Ki Kheti: अरबी की खेती से चमकेगी किसानों की किस्मत, कम समय में बना देगी मालामाल, जाने खेती करने का तरीका .आजकल देश में काफी भारी मात्रा में अरबी की डिमांड बढ़ रही है। यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। किसान धीरे धीरे अभी की खेती में अपनी रूचि दिखा रहे है। एक सदाबहार जड़ी-बूटी वाला पौधा है जो उष्ण और उप-उष्ण क्षेत्रों में उगाया जाता है। अरबी का वानस्पतिक नाम कोलोकेसिया एस्कुलेन्टा है,यह ऐरेसी कुल का है। दुनियाभर में अरबी को कई नामों से बुलाया जाता है, जो अरुई, घुइयां, कच्चु, अरवी, घूय्या इत्यादि हैं। कई इलाको में तो अरबी के ऊपर से कहावत भी बानी हुयी है.
सब्जी बनाने के लिए अरबी के पत्तों और कंदो का प्रयोग

अरबी के कन्द, और पत्तों का उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है। यह प्राचीन काल से उगाई जाने वाली सब्जी है। कच्चे रूप में अरबी का सेवन जहरीला हो सकता है। ऐसा इसमें मौजूद कैल्शियम ऑक्जेलेट के कारण होता है। हालांकि ये लवण पकने पर नष्ट हो जाता है। या इनको रात भर ठण्डे पानी में रखने पर भी नष्ट हो जाता है। आइये जाने अरबी की खेती करने का सही तरीका
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अरबी की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी
आइये जानते है की किस पारकर की मिटटी में अरबी की खेती करने से उसका उतपादन बेहतर होगा। खेती करने के लिए बलुई दोमट मिट्टी वाली भूमि को सबसे उपयुक्त माना गया है। खेती करने के लिए भूमि का पी.एच मान 5.5 से 7 के मध्य होना चाहिए। इस फसल को आप गर्मी और बरसात दोनों मौसम में उगा सकते हैं। अरबी की खेती करने से पहले इसके लिए खेत को अच्छे से तैयार करना होता है।
अरबी की खेती से चमकेगी किसानों की किस्मत, कम समय में बना देगी मालामाल, जाने खेती करने का तरीका
इस प्रकार करे खेत की जुताई

अरबी की खेती करते से पुर ही खेत की अच्छे तरह से जुताई कर ले। खेत की जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से 2 से 3 बार गहरी जुताई करे। खेती के लिए भूमि तैयार करते समय प्रति हेक्टेयर दलए 200 से 250 क्विंटल गोबर की खाद. और फिर इसके 15से 20 दिन बाद करे अरबी की बुवाई।
अरबी की बुवाई के लिए तैयार करे क्यारिया
अरबी की बुवाई समतल जगह पर या फिर मेड पर की जाती है। इसके लिए तैयार खेत सबसे पहले मेड तैयार की जाती है। खेत में एक से ड़ेढ फीट की ऊंचाई रखते हुए मेड़ को तैयार करें। क्यारियों का पहले से तैयार रखे। बता दे की अरबी की खेत की बुवाई इसके कंद के द्वारा की जाती हैं। इसके कंद को खेत में उचित गहराई में बोना चाहिए, ताकि इसके कंदों का समुचित विकास हो सकें। अरबी बुवाई के लिए अंकुरित कंद 7 से 9 किग्रा. प्रति हेक्टेयर में जरूरत पड़ती है एवं कंद बड़े हो तो 10 से 15 किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से जरूरत पड़ती है। अरबी की खेती किसानो को कर देगी मालामाल।
क्यारियों में रखे 45 सेंटीमीटर की दुरी

अरबी की बुवाई करते समय इस बात का ध्यान रखे की खेत में समतल क्यारियों में कतारों की आपसी दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधों की दूरी 30 सेंटीमीटर और कंदों की 5 centimeter की गहराई पर बुवाई करनी चाहिए। बुवाई के बाद कंद को मिट्टी से अच्छी तरह ढक देना चाहिए। अगर आप गर्मी के मौसम में अरबी की खेती करते हो तो इसको अधिक सिंचाई की जरूरत होती हैं। गर्मी के दिनों में खेत में नमी को रखने के लिए शुरुवाती दिनों में 7 से 8 दिन के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए।
बारिश के मौसम में भी करें अरबी की सिचाई
अगर आप अरबी के कंदो की बुवाई बारिश के मौसम में करते है तो इसे अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती हैं। यह बारिश के मौसम में कम पानी में भी बेहतर उत्पादन दे सकती है।
140 दिन में पककर तैयार हो जाएगी अरबी की फसल
आपको बता दे की अरबी की फसल से आप कम लागत में अधिक मुनाफा दे सकती है। यह फसल 130 से 140 दिन में पककर तैयार हो जाती है। अरबी की खेती करके आप भी लाखो रुपये की कमाई कर सकते है। बता दे की अरबी का कंद कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत हैं। इसके कंदो में स्टार्च की मात्रा आलू तथा शकरकंद से अधिक होती हैं। यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।
अरबी में मौजूद पोषक तत्व
अरबी में फाइबर, प्रोटीन, पोटैशियम, Vitamin A, Vitamin C, कैल्शियम और आयरन से भरपूर मात्रा में होती हैं। इसके अलावा इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं।
एक हेक्टेयर में कितना देगी उत्पादन
बेहतर तकनीक और उचित समय पर सभी चींजो की पूर्ति करे तो अरबी की खेती 150 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है। बाजार में अरबी का भांव कभी 20 से 22 रूपए किलो तक होता हैं, तो कभी 8 से 10 रूपए प्रति किलो ही इसके भाव मिल पाते हैं। अगर आपको अरबी का भाव अच्छा मिलता है तो आप प्रति एकड़ 1.5 से 2 लाख रूपए आसानी से कमा सकते है।