रीवा। जर, जोरु, जमीन हत्या के तीन कारण माने गए हैं। ये तीन कारण ऐसे होते है, जिसमें खून-खून का ही प्यासा हो जाता है। बाद परिणाम सोचे बिना घातक कदम उठा कर दो परिवारों के बीच तबाही का मंजर ला कर खड़ा कर देता है। इस तबाही में पर्दे के पीछे किसी अपने ही विरोधी का हाथ होता है, जो नजर नहीं आता। द्वापर में सकुनी धृतराष्ट्र से बदला लेने अपने ही भांजो कौरव और पांडवों के बीच युद्ध करवा दिया था। कलयुग में भी एक मामा ने अपने स्वार्थ के लिए भांजो के बीच लाठी चलवा दी। जिससे एक की मौत हो गई और दूसरा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।
इस लड़ाई में बीच-बचाव के लिए आई महिला के साथ भी मारपीट की गई। जिसे गंभीर हालत में उपचार के लिए एसजीएमएच लाया गया। महिला के संबंध में डॉक्टरों ने बताया कि उसकी जान खतरे के बाहर है। घटना मनगवां थाना क्षेत्र के मनिकवार चौकी अंर्तगत ग्राम हटवा का है। मंगलवार की शाम स्व. वंशबहादुर सिंह के पुत्रों के बीच लाठी चल गई।
जिसमें वंशबहादुर सिंह के मझले पुत्र अवधराज सिंह 42 वर्ष उनकी पत्नी राजकुमारी सिंह 38 वर्ष और राजबहादुर सिंह उर्फ पिंकू 38 वर्ष को गंभीर चोटें आई। घटना को अंजाम घायलों का बड़ा भाई हुब्बलाल सिंह ने अपने पुत्र पियूष सिंह, हिमांशु सिंह, रिमांशु सिंह और अपनी पत्नी के साथ मिलकर दिया। घायलों को गांव वालों ने एम्बुलेंस के माध्यम से तीनों घायलों को उपचार के लिए एसजीएमएच भेजा। उपचार के दौरान ही बुधवार की सुबह अवधराज सिंह की मौत हो गई। शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। मनगवां पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज कर आरोपियों की तलास शुरु कर दी।
जिंदगी की जंग लड़ रहा पिंकू
मारपीट में छोटे भाई राजबहादुर सिंह को गंभीर चोटे आई हैं। जिसे आईसीयू के वेंटीलेटर में रखा गया है। वेंटीलेटर में वह जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि हालत नाजुक है, प्रयास किये जा रहे हैं।
मामा बना भांजो का काल
मृतक के परिजनों ने बताया कि मामा कुंवरबहादुर सिंह निवासी शाहपुर अवधराज और राजबहादुर के लिए काल बनकर आया था। बताया कि मामा बोरिंग मशीन में दलाली का काम करता है। हुब्बलाल मामा के माध्यम से खेत में बोर करवाना चाहता था। जिसका विरोध अवधराज और राजबहादुर कर रहे थे। मंगलवार को बोर होना था, जिसका विरोध दोनों भाई ने किया। वहीं मौजूद मामा के ईशारे पर हुब्बलाल अपने पुत्रों के साथ मिल कर अवधराज सिंह पर पीछे से हमला कर दिया। जिसे बचाने आये छोटे भाई पिंकू और अवधराज की पत्नी पर प्राणघातक हमले किये गए।
पुत्री की शादी में रोड़ा बना था हुब्बलाल
मृतक के पिता स्व. वंशबहादुर के तीनों पुत्रों के बीच 21 एकड़ जमीन है। जिसका आपसी बटनवारा नहीं हुआ, तीनों के सामिलात खाते में जमीन है। अवधराज सिंह अपनी बड़ी पुत्री का विवाह फरेदा में तय किये था 16 मई की शादी थी। आरोपी हुब्बलाल ने अवधराज सिंह को जमीन की बिक्री करने पर तो रोक लगा ही दी थी, साथ ही घर के आंगन में शादी होने पर रोक लगा रखी थी। बड़े भाई आरोपी हुब्बलाल की जिद के कारण अवधराज अपनी पुत्री की शादी ससुराल उलही से की। पुत्री के विवाह में बड़े भाई का रोड़ा बनना ही हत्या का मुख्य कारण बना।