Chamomile Flower: मार्केट में इस जादुई फूल की है भारी डिमांड, इसकी खेती कर कमाए लाखो रुपये, बंजर जमींन पर भी होती है पैदावार उत्तर प्रदेश के हमीरपुर समेत समूचे बुन्देलखंड क्षेत्र में इस बार किसानों ने बंजर भूमि में जादुई फूलों (Chamomile Flower) की खेती शुरू की है। इस बिजनेस में घाटा की संभावना बेहद कम है. किसानों का रुझान लगातार खेती की तरफ बढ़ता जा रहा है. इस फूल को कैमोमाइल फूल के नाम से जाना जाता है. इस फूल से आयुर्वेदिक और होम्योपैथी की दवाइयां बनाई जाती हैं. इसलिए इस फूल की प्राइवेट कंपनियों में तगड़ा डिमांड है.

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आयुर्वेद कम्पनी में है इस फूल की तगड़ी डिमांड
हमीरपुर जिले के मुस्करा क्षेत्र के चिल्ली गांव में चालीस फीसदी से ज्यादा किसानों ने परम्परागत खेती के साथ जादुई फूलों की पौध फालतू जमीन पर लगाए है। कैमोमाइल यानी जादुई फूल में निकोटीन होता है. यह पेट से जुड़ी बीमारियों के रामबाण की तरह काम करता है. इन फूलों का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने में भी किया जाता है. वहीं स्थानीय किसानों का कहना है कि जादुई फूलों की मांग आयुर्वेद कम्पनी में ज्यादा है.

जादुई फूलों की खेती से ही हर साल लाखों रुपये का मुनाफा
आपको बता दें कि बंजर जमीन पर भी जादुई फूल की बंपर पैदावार होती है. इन फूलों की खेती से किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं. एक एकड़ जमीन में 5 क्विंटल जादुई फूल उग आते हैं. वहीं एक हेक्टेयर में करीब 12 क्विंटल तक जादुई फूलों की पैदावार हो जाती है. चिल्ली गांव में ही कभी ईट भट्टों में मजदूरी करने वाले मदन पाल, श्यामलाल सहित तमाम मजदूरों ने भी इसकी खेती शुरू कर दी है। जादुई फूलों की खेती से ही हर साल लाखों रुपये का मुनाफा भी ये किसान ले रहे है।
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जानें क्या-क्या हैं इसके फायदे
राजस्थान व MP समेत कई राज्यों के व्यापारी इसे खरीदने यहां आते है। इस फूलों को सुखाकर इसकी चाय भी बनाकर पी जाती है. इसकी चाय से अल्सर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है. वहीं स्किन रोगों में भी कैमोमाइल के फूल बहुत फायदेमंद होते हैं. साथ ही यह फूल यह जलन, अनिद्रा, और चिड़चिड़ापन के लिए बेहद फायदेमंद है. इस फूल का उपयोग मोच, घाव, चोट, रैसेज और पेट की बीमारियों को दूर करने में भी किया जाता है.