रीवा। पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों एवं अस्पतालों में लगातार हो रहे हमले के विरोध में आज शुक्रवार को रीवा के चिकित्सकों ने प्रतिकार दिवस मनाया। तत्संबंध में चिकित्सकों ने प्रधानमंत्री के नाम स्थानीय एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग की।
हमले के विरोध में ज्ञापन सौंपते डॉक्टर। |
चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ मनोज इंदुलकर के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि डॉक्टरों के विरूद्ध हिंसा के लिए एक राष्ट्रीय कानून बनाया जाए। जीरो टॉलरेंस नीति की मांग करते हुए डॉक्टरों ने संकल्प पारित किया है कि भारत सरकार इस राष्ट्रीय कानून को लागू करे। इस दौरान कहा गया है कि हिंसा करने वालों को कम से कम 7 वर्ष का कारावास तथा घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज होने के साथ ही दोषी व्यक्तियों पर अविलंब दण्डनीय कार्रवाई किए जाने जैसे निर्देश जारी किए जाएं। इस तरह की व्यवस्था के लिए पीओएससीओ एक्ट में व्यवस्था भी है। इसके तहत चिकित्सा संस्थानों को त्वरित व पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की व्यवस्था बनाई गई है।
इसी क्रम में आज शुक्रवार को श्यामशाह मेडिकल कालेज सहित अन्य अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रतिकार स्वरूप काली पट्टी लगाकर काम किया। बताया गया है कि यह आन्दोलन अभी सांकेतिक रूप से किया जा रहा है। सरकार डॉक्टरों की मांग को लेकर गंभीरता नहीं दिखाती तो भारतीय चिकित्सा संघ के अगले निर्णय के तहत देशभर के डॉक्टर आगामी आन्दोलन पर विचार करेंगे। ज्ञापन अवसर पर डा. मनोज इन्दुलकर, डा. अनिल तिवारी, डा. यत्नेश त्रिपाठी समेत काफी चिकित्सक मौजूद रहे।